Friday 27 May 2016

नामिक ग्लेशियर

नामिक ग्लेशियर उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में 3600 मीटर की ऊंचाई पर है. यह ग्लेशियर हिमालय की नंदा देवी (7848 मीटर ), नंदा कोट ( 6861 मीटर ) और त्रिशूल (7120 मीटर) की चोटियों के बीच स्थित है. इस ग्लेशियर से अनेक झरने और गंधक (सल्फर ) के श्रोत उत्पन्न होते हैं. इस ग्लेशियर की ओर जाने वाला रास्ता कुमाऊं के समृद्ध संस्कृति वाले गांवों और मंदिरों के बीच से होकर गुजरता है.  पुराने समय में भारत और तिब्बत व्यापार रोड पर पड़ने वाले दो गांव गोगीना और नामिक की आज भी महत्ता है. आज भी ये गांव अपनी पुरानी विरासत को सम्भाल कर रखे हुए हैं. इस ग्लेशियर का रास्ता घने जंगलों से गुजरता हुआ समान्यता रामगंगा नदी के साथ साथ चलता है.



इस ग्लेशियर के ट्रेकिंग पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुन्सियारी से प्रारम्भ होती है. यहाँ से 25 किमी की दूरी तय कर बागुदयार पहुंचना होता है. वहां से रियालकोट होते हुए 17 किमी दूर मरतोली नामक स्थान पर पहुंचना होता है. मरतोली से आगे 17 किमी की यात्रा तय कर  मिलम होते हुए बुर्फू गांव तक पहुंचना होता है.इस जगह से 5 किमी की दूरी पर नामिक ग्लेशियर है. थल मुन्सियारी सड़क पर स्थित बाला गांव से भी इस ग्लेशियर तक पहुंचा जा सकता है. इस गांव की पिथौरागढ़ से दूरी 129 किमी है. 

इस ट्रेक का आधार कैंप मुन्सियारी है जो समुद्र तल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर है. इस ग्लेशियर तक पहुँचने के लिए 59 किमी की ट्रेकिंग करनी होती है. इस ट्रेकिंग में अधिकतम ऊंचाई 3600 मीटर है. इसलिए ये ट्रेक ज्यादा दुर्लभ ट्रेक की श्रेणी में नहीं आता है. इस ट्रेक पर जाने के लिए मई, जून, सितंवर और अक्टूबर का समय सबसे उपयुक्त है. 

उत्तराखंड के इस हिस्से में प्रवेश करने के लिए काठगोदाम आना पड़ता है. काठगोदाम सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली से जुड़ा हुआ है. रेल भी यहाँ के लिए दिल्ली से मिल जाती है. इस ग्लेशियर के ट्रेकिंग के लिए यात्रा कार्यक्रम निम्न प्रकार से बनाया जा सकता है. 

प्रथम दिन-  काठगोदाम से चौकोरी 
दिल्ली से आने वाली रेल से सुबह काठगोदाम पहुंचकर कार या टैक्सी से चौकोरी पहुंचे. काठगोदाम से चौकोरी की दूरी 193 किमी है. जिसे 6 या सात घंटे में तय किया जा सकता है. चौकोरी समुद्र तल से 2010 मीटर की ऊंचाई पर है. यहाँ रात्रि विश्राम के लिए होटल उपलब्ध हैं. चौकोरी चाय के बागानों के लिए प्रसिद्द है. यहाँ से बर्फ से ढके हिमालय का अवलोकन किया जा सकता है. 
दूसरा दिन - चौकोरी से मुंसियारी 
 चौकोरी से मुन्सियारी की दूरी लगभग 140 किमी है. यहाँ तक पहुँचने में 5 घंटे लगते हैं. रास्ते में पंचचूली पर्वत श्रृंखला को भी देख सकते हैं जिसे कई पवर्तारोहियों ने कुमाऊं का सबसे सुन्दर स्पॉट कहा है. मुन्सियारी समुद्र ताल से 2290 मीटर की ऊंचाई पर है. छोटी और एक शानदार शांत जगह है. रात्रि विश्राम यहाँ करे
तीसरा दिन- मुन्सियारी - सेनार मैदान 
आज 7 किमी की ट्रेकिंग कर मुन्सियारी से सेनर मैदान पहुंचे और रात्रि विश्राम टेंट में करें. 
चौथा दिन- सनार से धलधौक 
आज 11 किमी की दूरी तय कर धलधौक पहुंचे रास्ते में आपको पंचचूली पर्वत की खूबसूरत श्रृंखला देखने को मिलेगी।
पांचवां दिन- धलधौक से सुदमखान
 7 किमी ट्रेक। रात्रि विश्राम सुदमखान में 
छठवां दिन- सुदमखान से हीरामणि ग्लेशियर 
9 किमी ट्रेक कर ग्लेशियर के पास रात्रि विश्राम 
सांतवां दिन- हीरामणि ग्लेशियर से नामिक ग्लेशियर फिर वापसी 
आज आपको और दिनों की अपेक्षा ज्यादा ट्रेकिंग करनी होगी. 7 किमी की ट्रेकिंग कर आप नामिक ग्लेशियर (3600 मीटर ) पहुँच जाएंगें। यहाँ से आप नंदाकोट चोटी को देख सकतें हैं जो इस ग्लेशियर के काफी नजदीक है. कुछ देर ग्लेशियर के पास ठहरकर और इसकी खूबसूरती को अपनी आँखों में बसाकर वापसी की यात्रा शुरू करें. वापसी कर रात्रि विश्राम पुन: हीरामणि ग्लेशियर के पास करें. 
आठवां दिन- सुदमखान से नामिक गांव 
सुदमखान से 11 किमी की ट्रेकिंग कर आप नामिक गांव पहुँच जाएंगें. जब भारत और तिब्बत के बीच पुराने समय में व्यापार होता था तब इस रास्ते पर यह गांव मुख्य केंद्र हुआ करता था. आज भी इस गांव में पुराने समय के पारम्परिक संरचना वाले लकड़ी के मकान मौजूद हैं. रात्रि विश्राम यहाँ गांव में कर सकते हैं. 
नवां दिन- नामिक गांव से गोगीना  
नामिक गांव से 6 किमी की दूरी पर गोगीना गांव है. इस गांव की भी पुराने समय में महत्ता थी. यह गांव रामगंगा घाटी में बसा हुआ है. रात्रि विश्राम यहाँ कर सकते हैं. 
दसवां दिन- गोगीना से लिती  
रामगंगा घाटी में बसे इस गांव से 16 किमी की दूरी पर लिती है. जहाँ से आपको सड़क मार्ग मिल जायेगा. आज 16 किमी की ट्रेकिंग कर लिती पहुँच कर रात्रि विश्राम करें. 
ग्यारवां दिन- लिटी-बागेश्वर - काठगोदाम 
लिती से सड़क  मार्ग द्वारा बागेश्वर होकर आप काठगोदाम पहुँच जायेंगे। लिती से बागेश्वर 52 किमी है. बागेश्वर से काठगोदाम 158 किमी है,