Monday 6 June 2016

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की यात्रा


अंडमान द्वीप समूह - काला पानी और हरे भरे द्वीप
2. पोर्टब्लेयर - बंदरगाह से सेलुलर जेल.
3. पोर्टब्लेयर- बंदरगाह से सेलुलर जेल -2 



कई वर्षों से अंडमान द्वीप समूह की यात्रा करने का कार्यक्रम बनाया जा रहा था परन्तु किसी न किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाया. गत फरबरी माह में जाने का कार्यक्रम बन गया. हमने 6 दिनों का प्रवास अंडमान द्वीप समूह में करना था. वैसे तो अंडमान के द्वीपों की सुंदरता का आनंद लेना है तो इतने दिन कम है.किन्तु समय की भी एक सीमा होती है. इसलिए इन 6 दिनों में यहाँ के मुख्य पर्यटक स्थलों को देखने का हमारा कार्य्रक्रम था.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत गणराज्य का एक केंद्र शासित प्रदेश है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को आमतौर पर लोग कालापानी के नाम से जानते हैं. स्वतंत्रता आंदोलन के समय बहुत से क्रांतिकारियों को अभियुक्त बनाकर अंग्रेज सरकार यहाँ भेजती थी. उस समय यहाँ का भयावह वातावरण,पेय जल का अभाव और प्रतिकूल जलवायु कैदियों के लिए बड़ी कष्टकारी होती थी और इस वजह से उनकी घुट-घुट कर मौत हो जाती थी इसलिए इस जगह को काल अर्थात मृत्यु की जगह के नाम से जाना जाने लगा था. इसी कारण शायद इस जगह को लोग कालापानी कहने लगे.
प्राचीन यात्रियों के यात्रा विवरण में इन द्वीपों का उल्लेख मिलता है. कुछ विद्द्यानो के अनुसार यहाँ की आदिवासी जनजातियां रामायण में वर्णित जनजातियों से काफी मिलती जुलती हैं. उनके अनुसार "अंडमान " शब्द "हनुमान " का अपभ्रंश है. ये द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में 780 किमी समुद्र में फैले हुए हैं. द्वीपों का दक्षिणी छोर जिसका नामकरण अब "इंदिरा पॉइंट " के रूप में किया गया है. पहले पिगमेलियन पॉइंट के नाम से जाना जाता था. कुछ लोगों को शायद ये बात आशचर्यजनक लगे परन्तु ये सच है कि भारत का दक्षिणी छोर कन्याकुमारी नहीं बल्कि इंदिरा पॉइंट है.
इस समूह में 554 द्वीप हैं. किन्तु वास्तविक द्वीप केवल 298 है. शेष द्वीप चट्टानी हैं. एक अनुमान के अनुसार सिर्फ 32 द्वीपों पर ही आबादी है. पूरे द्वीप समूह अंडमान और निकोबार दो जिलों में बटें हुए है, जिन्हे लगभग 250 किमी का खुला समुद्र अलग अलग करता है. इन द्वीपों की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है, जो कोलकाता से 1255 किमी, विशाखापत्तनम से 1200 किमी  और चेन्नई से 1190 किमी की दूरी पर स्थित है. उत्तरी अंडमान, मध्य अंडमान और दक्षिणी अंडमान के द्वीपों को मिलाकर ग्रेटर अंडमान बना है. राजधानी पोर्ट ब्लेयर दक्षिणी अंडमान में है. उत्तरी और मध्य अंडमान का मुख्यालय मायाबंदर है. निकोबार द्वीप का मुख्यालय कार निकोबार है. ये द्वीप ब्रिटिश लोगो के यहाँ आने के बाद लोगो की ज्यादा जानकारी में आये. इन द्वीपों पर जब भी अंग्रेज शासक किसी क्षेत्र विशेष के संपर्क में आये तो उस क्षेत्र का नाम भी उसी शासक के नाम पर पड़ गया. इसलिए यहाँ के द्वीपों का नाम अंग्रेजी मूल के नामो से जाना जाता है. जैसे बारतांग, वाईपर, रेड स्किन, रोस, हेनरी लारेंस। अंडमान के अधिकांश द्वीप ऊँचे नीचे हैं. यहाँ की सबसे ऊँची पहाड़ी सैडल पीक 722 मीटर ऊँची और माउंट फोर्ड 432 मीटर ऊँची है. ये द्वीप छोटे छोटे हैं इसलिए यहाँ कोई बड़ी नदी नहीं है. सिर्फ उत्तरी अंडमान में एक छोटी नदी कल्पांग है, जो सैडल पीक से निकलती है.
निकोबार द्वीप समूह में कार निकोबार, चौरा, टेरेसा, नानकोरी, आदि द्वीप हैं. कार निकोबार, चौरा और कुछ दूसरे द्वीप समतल है किन्तु ग्रेट निकोबार में ऊँची पहाड़ियां और गहरे नाले हैं. यहाँ सबसे ऊंची पहाड़ी माउन्ट थुलियर है, जो 642 मीटर ऊँची है.
भारत के मुख्य नगरों से पोर्टब्लेयर के लिए वायु सेवा उपलब्ध है. ऐसी ही एक वायु सेवा से हमने दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर के लिए प्रस्थान किया. दिल्ली से लगभग 5 घंटे की हवाई यात्रा कर हम दोपहर में दो बजे पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. हवाई अड्डे से सीधे ही होटल पहुँच कर हमने चेक इन किया और आगे का कार्यक्रम बनाने में लग गए. जिसकी जानकारी अगली पोस्ट में। 

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