Tuesday 12 May 2020

केदारनाथ मंदिर

महाभारत के अनुसार केदारनाथ मंदिर पांडवों ने बनाया था. आठवीं शताब्दी में जब आदि गुरु शंकराचार्य अपने चार शिष्यों के साथ यहाँ आये तो उन्होंने इस मंदिर का जीर्णोध्दार किया। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में 3583 मीटर (11755 फ़ीट) की ऊंचाई पर स्थित है. यह मंदिर पंचकेदार मंदिरों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इस मंदिर में शंक्वाकार आकार (कोनिकल शेप) का शिवलिंग स्थापित है जिसे भगवान् शिव की पीठ (हंप) माना जाता है. केदारनाथ मंदिर चोराबारी ग्लेशियर के निकट स्थित है. चोराबारी ग्लेशियर से मन्दाकिनी नदी का उद्गम होता है. केदारनाथ मंदिर के पीछे की तरफ केदारनाथ पर्वत है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 6940 मीटर (22769 फ़ीट) है.

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सर्दियों के मौसम में भीषण सर्दी होने के कारण केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद रहतें हैं. अप्रैल महीने के अंत से नवंबर महीने के प्रारम्भ तक मंदिर के कपाट खुलते हैं. नवंबर महीने के बाद बर्फ गिरने की वजह से केदारनाथ जाने के रास्ते बंद हो जाते है. यहां का अधिकतम तापमान जून के महीने में 17 डिग्री तक और न्यूनतम तापमान जनवरी में माइनस 10  डिग्री तक रहता है.
केदारनाथ मंदिर जाने के लिए निकटतम स्थान गौरीकुंड है. जहां तक आप वाहन से आ सकते है. यदि आप अपने निजी वाहन या बस/टैक्सी से यहाँ आते है तो आपको गौरीकुंड से 5 किमी पहले सोनप्रयाग तक आने की अनुमति है. सोनप्रयाग के आगे आप अपना निजी वाहन नहीं ले जा सकते और न ही सरकारी अथवा प्राइवेट बसों को यहाँ से आगे जाने की अनुमति है.

सोनप्रयाग में रुकने के लिए बहुत से होटल/ अतिथि गृह/ धर्मशालाएं है. वाहन पार्किंग की सुविधा यहाँ उपलब्ध है.सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने के लिए आपको शेयर्ड जीप से जाना होगा. जिसका किराया 20 रुपये प्रति व्यक्ति (2019 का किराया) है. गौरीकुंड में भी रुकने की व्यवस्था है. गौरीकुंड से केदारनाथ की 14 किमी की यात्रा आपको पैदल ही करनी होती है. यात्रा के लिए घोड़े (पोनी) भी उपलब्ध रहते हैं. जिनका किराया यात्रियों की भीड़ पर निर्भर रहता है. औसतन 3 से 4 हजार रुपये में घोडा मिल जाता है. बच्चो को ले जाने के लिए पिट्ठू भी यहाँ अपनी सेवाएं देते हैं. जो यात्री बुजुर्ग हैं और घोड़े से यात्रा नहीं करना चाहते हैं उनके लिए पालकी की व्यवस्था है. जिसका किराया औसतन 12-15 हजार रुपये होता है. आप किसी भी मौसम में जाएँ बारिश की यहाँ पूरी सम्भावना रहती है. इसलिए आवश्यक है कि आप रेन कोट साथ ले जाएँ. केदारनाथ धाम में मई/जून के मौसम में भी तापमान बहुत नीचे रहता है इसलिए गरम कपडे साथ ले जाना न भूलें. याद रखे कि गौरीकुंड 6500 फ़ीट की ऊंचाई पर है और 14 किमी बाद केदारनाथ में आप 11755 फ़ीट की ऊंचाई पर होंगे इसलिए मानसिक और शारीरिक रूप से अपने को तैयार रखें. केदारनाथ में ऑक्सीजन का लेवल भी कम रहता है इसलिए बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें. गौरीकुंड में पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर मिल जाते हैं.

उत्तराखंड सरकार के निर्देशों के अनुसार केदारनाथ यात्रा करने के लिए प्रत्येक यात्री को बायो मेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है. यह रजिस्ट्रेशन आप उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी कर सकतें हैं. यदि आप इसे ऑनलाइन कराना भूल गए हैं तो इसकी सुविधा सोनप्रयाग में भी उपलब्ध है. चारधाम यात्रा के पीक समय यानि मई, जून में यात्रियों की भारी भीड़ होती है. इसलिए बेहतर यही होगा कि रजिस्ट्रेशन आप ऑनलाइन ही करा लें ताकि समय की बचत हो सके. रजिस्ट्रेशन के लिए आपको सिर्फ आपके आधार कार्ड की जरुरत होगी.

अपनी केदारनाथ यात्रा का कार्यक्रम निम्नलिखित प्रकार से बना सकते हैं. यह कार्यक्रम केवल आपकी जानकारी के लिए है. इसमें आप अपनी आवश्यकता अनुसार एवं समय को देखते हुए फेरबदल कर सकते हैं. इस कार्यक्रम को ऋषिकेश एंट्री पॉइंट मानकर बनाया गया है. ऋषिकेश, दिल्ली से सड़क मार्ग से 245 किमी की दूरी पर है. यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट में हैं जो ऋषिकेश से 21 किमी दूर है.

पहला दिन-
ऋषिकेश से सोनप्रयाग या गौरीकुंड (दूरी 210 किमी, सड़क मार्ग से समय लगभग 8 घंटा)
यात्रा  मार्ग (ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-रुद्रप्रयाग- अगस्तमुनि-गुप्तकाशी-सोनप्रयाग)
सोनप्रयाग पहुँच कर अपना बायो मेट्रिक रजिस्ट्रेशन करा लें यदि ऑनलाइन न कराया हो. यहाँ तक आप अपने निजी वाहन से आ सकते हैं. ऋषिकेश से बस या प्राइवेट टैक्सी भी मिल जाती हैं. सोनप्रयाग के लिए ऋषिकेश से बसे कम मिलती हैं. यदि बस न मिले तो ऋषिकेश से गुप्तकाशी तक बस द्वारा आया जा सकता है. गुप्तकाशी से
सोनप्रयाग के प्राइवेट वाहन मिल जाते हैं. सोनप्रयाग पहुँच कर केदारनाथ यात्रा के लिए अपना बायो मेट्रिक रजिस्ट्रेशन करा लें यदि ऑनलाइन न कराया हो. रात्रि विश्राम यहीं सोनप्रयाग में करें. यदि आपके पास अपना वाहन और समय भी है तो मेरी यह सलाह रहेगी  कि आप सोनप्रयाग से 13 किमी दूर त्रियुगीनारायण में रात्रि विश्राम करें. चारधाम यात्रा के समय सोनप्रयाग में बहुत भीड़ होती है इसलिए होटल/ रेस्ट हाउस काफी महंगे हो जाते हैं.

दूसरा दिन-
सोनप्रयाग- गौरीकुंड- केदारनाथ (21 किमी (16 किमी ट्रेक) - 6-7 घंटे
इस दिन अपनी यात्रा सुबह जल्दी शुरू कर सोनप्रयाग से टैक्सी द्वारा गौरीकुंड पहुंचे जहाँ से केदारनाथ  मंदिर की पैदल यात्रा प्रारम्भ होती है. यदि आप अपनी यात्रा सुबह 7 बजे शुरू करते हैं तो उम्मीद हैं कि आप शाम तीन या चार बजे तक केदारनाथ पहुँच जायेंगें.  रास्ता कठिन और खड़ी चढाई वाला है इसलिए हो सकता है कि समय अनुमान से ज्यादा लगे. यदि समय से पहुँच जाएँ और आपकी हिम्मत ने जवाब नहीं दिया है तो बाबा केदार के दर्शन कर लें, नहीं तो होटल/धर्मशाला में आज विश्राम करें. केदारनाथ मंदिर के खुलने का समय प्रातः 5 बजे हैं परन्तु जब तक सभी श्रदालुओं को बाबा केदार के दर्शन नहीं होते मंदिर बंद नहीं होता है. यात्रा के पीक समय यानि मई जून में श्रदालुओं को अच्छी खासी तादाद रहती है अतः. रूकने की व्यवस्था केदारनाथ पहुँचने से पहले कर लें तो बेहतर रहेगा. यहाँ होटल/धर्मशाला/अतिथि गृह है जहाँ रुकने एवं खाने की व्यवस्था है. केदारनाथ धाम में गढ़वाल मंडल विकास निगम का अतिथि गृह भी है.

तीसरा दिन -
केदारनाथ- गौरीकुंड- सोनप्रयाग (21 किमी (16 किमी ट्रेक)- 6 घण्टे
आज प्रातःकाल में बाबा केदार के दर्शन कर आप वापसी की यात्रा शुरू कर सकते हैं. दर्शन की प्रक्रिया में आपको 2 -3 घण्टे लग सकते हैं. समय हो तो केदारनाथ धाम में विचरण कर सकते हैं और भैरों बाबा के भी दर्शन कर सकते हैं जिनका मंदिर, केदारनाथ मंदिर से 600 मीटर एक पहाड़ी पर है. सोनप्रयाग पहुँच कर रात्रि विश्राम करें. अगर, शाम को तीन बजे तक आप सोनप्रयाग पहुँच जाते है तो यहाँ से गुप्तकाशी जाकर रात्रि विश्राम कर सकते हैं. इससे आप अगले दिन की यात्रा के दो घण्टे बचा सकते हैं.

चौथा दिन-
गुप्तकाशी- अगस्तमुनि- रुद्रप्रयाग-श्रीनगर-देवप्रयाग-ऋषिकेश (184 किमी, 7  घंटे.)

यदि 16 किमी की केदारनाथ मंदिर की पैदल यात्रा आपके लिए मुश्किल है और समय भी आप के पास नहीं है, तो आप फाटा नामक स्थान तक पहुँच कर होटल में रुक सकते हैं. फाटा ऋषिकेश से 195 किमी की दूरी पर है. फाटा से आपको  केदारनाथ मंदिर के लिए हेलीकॉप्टर सेवा मिल जाएगी. इस सेवा के लिए आने जाने का किराया लगभग 7000 रुपये (वर्ष 2019 में) है. केदारनाथ धाम में हेलिपैड से मंदिर की दूरी मात्रा 500 मीटर है. इस सेवा के उपयोग से आपके समय की बचत होगी. यदि आपका बजट कम है तो हेलीकाप्टर सेवा आप सेरसी नामक स्थान से भी ले सकते हैं. सेरसी फाटा से 8 किमी दूर है. यहाँ से केदारनाथ जाने के लिए हेलीकाप्टर सेवा का किराया सिर्फ जाने का 2500 रुपये है. वापसी में आप केदारनाथ से पैदल भी आ सकते हैं क्योंकि पहाड़ चढ़ने की तुलना में पहाड़ से उतरना आसान होता है.  आगे पढ़िए मध्यमहेश्वर मंदिर 

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